डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं यह साबित कर दिखाया है डॉ ज्योति ने जिन्होंने 8 महीने की गर्भावस्था में भी आराम करने के बजाए घायलों का इलाज करना सर्वोपरि समझा, वाकई में भगवान लोगों को नया जीवन देते हैं उसी तरह डॉक्टर जीवन को बचाने का कार्य करते हैं |
डॉ ज्योति मूल रूप से हरियाणा की निवासी हैं जो कि इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर जोशीमठ में तैनात है , 7 फरवरी को जोशीमठ ग्लेशियर टूटने की खबर पूरे देश में फैल गई जिसमें बहुत से लोगों के बहने की खबर मिली उसी दौरान कुछ लोग तपोवन टनल में फस गए थे जिस की जानकारी पुलिस प्रशासन द्वारा दी गई उसी समय डॉक्टर ज्योति की प्रेगनेंसी का आठवां महीना चल रहा था , ग्लेशियर टूटने की सूचना मिलने पर डॉक्टर ज्योति ने घर जाने के बजाए घायलों का इलाज करना सही समझा डॉ ज्योति ने बिना किसी थकावट रुकावट के घायलों का इलाज करा साथ ही अस्पताल में उस वक्त एकमात्र डॉक्टर स्वाति ही थी जो घायलों का इलाज कर रही थी|
डॉ ज्योति प्रेगनेंसी के दौरान भी अपना कार्य कर रही थी इस दौरान डॉ ज्योति लगातार काम करने की वजह से बेहोश भी हुई लेकिन डॉ ज्योति ने अपने कार्य को सर्वप्रथम रखा | हाइड्रो परियोजना के तहत बन रही टनल से 12 लोगों को रेस्क्यू किया गया जिन की देखभाल डॉक्टर ज्योति कर रही थी इस वजह से सभी लोगों की जान बच पाई |
ऐसे डॉक्टरों को दिल से नमन है जो अपने कार्य को प्राथमिकता देते हैं |