यूपीसीएल बोर्ड की बैठक की जाएगी जिसमें ऊर्जा निगम द्वारा उत्तराखंड बिजली दरों में लगभग 10% की बढ़ोतरी हो सकती है , बोर्ड की मंजूरी के बाद ही उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग भेजा जाएगा | 24 दिसंबर को बोर्ड की बैठक बुलाई गई जिसमें 10% की बढ़ोतरी प्रस्ताव रखा गया सभी सदस्य पूरी जांच पड़ताल करके इसे फाइनल करेंगे | इसके लिए यूपीसीएल आम जनता ,उद्योगों ,कमर्शियल समेत सभी पक्षों के सामने जन सुनवाई करेगी और सभी पक्षियों के सुझाव लेगी तब जाकर मार्च अंतिम मैं मुहर लगेगी और नई बिजली दरें अप्रैल से लागू हो जाएंगी , आम जनता के ऊपर ज्यादा भार ना पड़े इसीलिए यूपीसीएल के 7.70% बढ़ोतरी के प्रस्ताव को पूरी तरह नकार दिया गया है|
राज्य में चोरी के कारण महंगी होती है बिजली :
यदि राज्य में बिजली चोरी पूरी तरीके से बंद हो जाए तभी बिजली की दरें सस्ती हो सकती हैं | हर साल ऊर्जा निगम को लगभग 900 करोड़ का घाटा होता है, बहुत जगह बिजली चोरी हो रही है और बहुत विभागों से बिल वसूला नहीं जा रहा हैं, जिसके वजह से बिजली महंगी करनी पड़ रही है और उसका भार जनता पर पड़ रहा है |
बिजली की मौजूदा दरें :
- घरेलू श्रेणी की बिजली प्रति यूनिट – 4.44 रुपए
- एलटी श्रेणी की बिजली प्रति यूनिट – 6.03 रुपए
- कमर्शियल श्रेणी की बिजली प्रति यूनिट – 6.38 रुपए
- एच डी श्रेणी की बिजली प्रति यूनिट – 6.06 रुपए