अपनी संगीत से लाखों दिलों में राज करने वाली मैथिली ठाकुर ने गाया गढ़वाली मंगल गीत | मैथिली ठाकुर का लोक मंगल गीत इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है और उत्तराखंड के लोग इस मंगल गीत को खूब पसंद कर रहे हैं और शेयर कर रहे हैं | हमारे गढ़वाल में जब किसी का विवाह होता है तो उस दौरान हल्दी हाथ में मांगल गीत को गाया जाता है यहां गढ़वाल की पुरानी परंपरा है | इससे पहले मैथिली ने हाल ही में कुमाऊनी मांगल गीत सुवा ओ सुवा बनखंडी सुवा गीत को गाकर खूब चर्चा बटोरी और उस गीत को भी फेसबुक इंस्टाग्राम व्हाट्सएप आदि जगहों पर खूब शेयर किया गया |
मैथिली ठाकुर का जीवन परिचय – अपनी गायकी के लिए मशहूर मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी में हुआ. मैथिली बचपन से ही संगीत के वातावरण में पली बड़ी हैं. इनके पिता का नाम रमेश ठाकुर है. जो संगीत के टीचर हैं और इनकी माता का नाम पूजा ठाकुर हैं. इनके परिवार में मैथिली के अलावा एक बड़ा भाई रिषभ ठाकुर व छोटा भाई अयाची ठाकुर हैं. मैथिली की प्रारंभिक शिक्षा बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल से पूरी हुई. अभी मैथिली 18 साल की हैं और दिल्ली के कॉलेज आत्माराम सनातन धर्मं कॉलेज से अपनी पढाई पूरी कर रही हैं |संगीत इन्हें अपने परिवार की ओर से विरासत में मिला हैं. मैथिली को बचपन से ही संगीत का शौक था और उन्होंने गायन शुरू कर दिया था. जब मैथिली 4 वर्ष की थी तभी इनके दादाजी ने इन्हें संगीत सिखाना शुरू कर दिया था. इनके छोटे भाई अयाची भी साथ में संगीत सीख रहे हैं. परिवार में मैथिली को प्यार से सब तन्नु, आयाची को हब्बू और सबसे बड़े भाई रिषभ को सन्नी बुलाते हैं. मैथिली को संगीत में पुर्या धनाश्री राग सबसे ज्यादा प्रिय हैं |
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